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सर्वार्थ चिंतामणि का सूत्र यह कहता है

  • Pawan Dubey
  • Jan 24, 2023
  • 1 min read

सर्वार्थ चिंतामणि का सूत्र यह कहता है,कि जन्म कुंडली के दशम भाव में यदि सूर्य और शनि की युति हो जाए,तो ऐसे जातक के जीवन काल में कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है,कि उसे अपमानित होना पड़ता है,कारण शनि देव कुंडली में दशम में बैठेंगे दशम से मान सम्मान का विचार होता है। सूर्य को मान-सम्मान का कारक कहा गया है। यहां बैठे शनि देव,सूर्य को प्रभावित करेंगे,दशम भाव को भी प्रभावित करेंगे,और लग्न को भी प्रभावित करेंगे,फलत: ऐसे जातक के जीवन काल में कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी।जहां उसे अपमानित होना पड़ेगा,यदि आपकी जन्मकुंडली में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है,तो सबसे पहला काम करिए सूर्य की आराधना प्रारंभ कर दीजिए। और साथ ही साथ हनुमान जी की आराधना प्रारंभ कर दीजिए।

 
 
 

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