जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च
- Pawan Dubey
- Apr 16
- 1 min read
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु बृहस्पति भी बलवान अवस्था में शुभ ग्रह से युत हों,तो ऐसा जातक जन्मजात वाक् सिद्धि प्राप्त किए हुए होता है। अर्थात् ऐसा जातक जो भी कहे, उसके द्वारा कही गई बात सत्य सिद्ध होती है।
Yorumlar