लग्न में राहु और चंद्रमा हो, साथ ही शनि, मंगल और सूर्य।
- Pawan Dubey
- Sep 15, 2024
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लग्न में राहु और चंद्रमा हो, साथ ही शनि, मंगल और सूर्य। यह तीनों ग्रह या तो जन्म कुंडली के पंचम भाव में, एक पंचम में बाकी नवम में या किसी भी तरह से यह तीनों जो बाकी के ग्रह हैं। नवम और पंचम में हो जरूरी नहीं, किसी ग्रह की किसी के साथ युति हो, पर हों नवम और पंचम भाव में, यह भी एक तरह से पिशाच योग है। ऐसी ग्रह स्थिति के कारण जातक सदैव मानसिक रूप से परेशान रहता है, हीन भावना से ग्रस्त, उसके मन में सदैव आत्म हत्या का ख्याल उत्पन्न होता रहता है। इस योग में जन्मा जातक सदैव पूर्णिमा का व्रत किया करें। भगवान शिव की आराधना करें।और समय-समय पर कुशोदक से अर्थात् कुशा को जल में डाल करके उस जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। उसे राहत अवश्य मिलेगी।

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