प्रश्न है? कि शनि कारक होकर के भी साढ़ेसाती और ढैय्या में कष्ट प्रदायक होते हैं।
- Pawan Dubey
- Mar 22, 2023
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प्रश्न है? कि शनि कारक होकर के भी साढ़ेसाती और ढैय्या में कष्ट प्रदायक होते हैं। बिल्कुल होते हैं। क्योंकि शनि देव को न्यायाधीश कहा गया है। अब न्यायाधीश किसी के लिए कारक अथवा किसी के लिए अकारक नहीं होता। यह तो जन्म कुंडली अध्ययन में चुकी वो नमेश बनते हो, या पंचमेश बनते हो या लग्नेश बनते हो, या वृषभ या मिथुन या तुला लग्न की कुंडली हो तो उनको कारक ग्रह माना गया है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं,कि मेष लग्न वालों को वह अलग से कष्ट देंगे। वृश्चिक लग्न वालों को धनु लग्न वालों को वह अलग से कष्ट देंगे। सबके लिए आप मेष से लेकर मीन लग्न पर्यंत राशि पर्यंत किसी भी लग्न अथवा राशि के हो। शनि की ढैया, साढ़ेसाती आपको सामान रूप से ही प्रभावित करने वाली होती है। हां विशेषकर जब चंद्रमा से उनका संबंध बनता है, तो यह प्रभाव और अत्यधिक कष्ट प्रदायक बन जाता है।

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