प्रश्न है कि क्या आदित्य हृदय स्त्रोत हिंदी में पढ़ सकते हैं?
- Pawan Dubey
- Mar 27, 2023
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प्रश्न है,कि क्या आदित्य हृदय स्त्रोत हिंदी में पढ़ सकते हैं? या संस्कृत में पढ़ने से ही ज्यादा फल मिलता है। असल में आप हिंदी में पढ़ें या संस्कृत में, फल पढ़ने से नहीं। फल तो आपके भाव से मिलता है। यह सत्य है कि हम जिस से भी वार्ता कर रहे हो। जिसकी गुण-गान और जिसकी प्रशंसा कर रहे हो । यदि उसी की भाषा में उसका गुण-गान और उसकी प्रशंसा करें। तो सीधी सी बात है,सामने वाले को यह बात आसानी से समझ में आ जाएगी। अब देवताओं की जो भाषा है वह संस्कृत है। और उनकी भाषा में ही यदि हम उनका गुण-गान करें। तो उन्हें यह आसानी से समझ में आ जाएगा। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप हिंदी में पढ़ते हैं कि संस्कृत में। अगर भाव से नहीं पढ़ते उसका कोई बेहतर फल नहीं है। लेकिन यदि भाव से पढ़ते हैं, तो भाषा कोई भी हो, भाषा से कोई भी फर्क नहीं है। केवल ही केवल फर्क भाव से होता है।

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