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जन्मकुंडली के 6,8,12 अर्थात् त्रिक भाव के स्वामी लग्न में हो

  • Pawan Dubey
  • Apr 16, 2023
  • 1 min read

जन्मकुंडली के 6,8,12 अर्थात् त्रिक भाव के स्वामी लग्न में हो और नवमांश में वह नीच के हों, तो ऐसा जातक आजीवन अपने देह का सुख प्राप्त नहीं कर पाता। अर्थात् या तो हमेशा वो रोगी रहेगा। उसके चेहरे पर चमक नहीं होगी। या तो खुद उसको अपने शरीर में कोई ना कोई कमी हमेशा दिखाई पड़ती ही रहेगी। वह अपने शरीर से कभी भी खुश नहीं हो सकता है।

 
 
 

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