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जन्मकुंडली अध्ययन के दौरान इस बात का विशेष ख्याल

  • Pawan Dubey
  • Sep 10, 2023
  • 1 min read

जन्मकुंडली अध्ययन के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए। शनि राहु संयुत: सर्वदा रोग संयुत:। इस उक्ति के आधार पर देखें। तो जन्म कुंडली में शनि राहु की युति जातक को दीर्घकालिक रूप प्रदान करने वाली है। यदि जन्म कुंडली के किसी भाव में या योग बना हुआ है, तो संभव है। उस भाव से संबंधित काल पुरुष की जन्म कुंडली के आधार पर उस भाव से संबंधित रोग होगा। विशेषकर के यह योग अगर षष्ठ भाव में बना हुआ है। तो यह तय जानिए और ऊपर से कहीं लग्नेश कमजोर हो गया तो ऐसा जातक दीर्घ कालिक रोग से ग्रसित अवश्य होगा। एक बात और नोट करके रखिए। जन्म कुंडली के सस्ते भाव में शनि राहु की युति हो और ऐसी युति के साथ कोई ग्रह भी आकर बैठ जाएं। जैसे समझ लीजिए चंद्रमा तो ऐसे जातक को मानसिक अशांति तो रहेगी। और ऐसे जातक की माता आजीवन रोगी रहेगी।

 
 
 

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