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जन्म कुंडली में सूर्य स्वगृही हो, उच्च के हों अथवा मित्र

  • Pawan Dubey
  • Mar 22, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में सूर्य स्वगृही हो, उच्च के हों अथवा मित्र राशि में होकर कुंडली में किसी अच्छे भाव में हों। जैसे लग्न में हो पंचम भाव में हो नवम में हो या दशम भाव में हो, तो ऐसा जातक कुशल प्रशासक अब जरूरी नहीं कि वह सरकारी नौकरी में ही हो। जहां भी होगा कुशल प्रशासक होगा। सबका ध्यान रखने वाला , सही नीति का होगा। सही निर्णय लेने वाला होगा। साथ ही साथ ऐसा जातक उच्च कोटि का उपासक भी होगा। यदि आप साधना करना चाहते हैं। यदि आप उपासक बनना चाहते हैं। यदि आप उपासक बनना चाहते हैं।तो यह तय जानिए। आपकी जन्मकुंडली में बाकी के साधना के योग के साथ साथ सूर्य का बली होना अत्यंत आवश्यक है। जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य बली हैं,इसमें कहीं कोई दो मत नहीं, कि वह जन्मजात उपासक है।

 
 
 

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