top of page

जन्म कुंडली में सूर्य अगर नवम भाव में, अर्थात् भाग्य भाव में

  • Pawan Dubey
  • May 2, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में सूर्य अगर नवम भाव में, अर्थात् भाग्य भाव में बैठे हो, तो जातक की ज्योतिष में गहरी रूचि होती है। ऐसे जातक को ज्योतिष बड़ी आसानी से समझ में आ जाता है। और जन्म कुंडली में सूर्य अगर धनु राशि में बैठे हो, तो भी जातक को ज्योतिष में गहरी रूचि होती हैं। ज्योतिष उसे बड़ी आसानी से समझ में आ जाता है।

 
 
 

Recent Posts

See All
जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक

जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।...

 
 
 
जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित

जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित हों, जरूरी नहीं है, कि युति में...

 
 
 
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च

जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु...

 
 
 

Comments


bottom of page