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जन्म कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी अथवा शुक्र

  • Pawan Dubey
  • Apr 16, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी अथवा शुक्र जन्म कुंडली के तीसरे भाव में, छठे भाव में, दसवें भाव में अथवा ग्यारहवें भाव में बैठे हो, इन चार भावों में कहीं भी हो, सप्तमेश अथवा शुक्र, अगर शुक्र ही सप्तमेश हैं तो कहना ही नहीं, ऐसे जातक का भाग्योदय विवाह के उपरांत होता है। अर्थात् विवाह होने के बाद, वही देखा जाए, तो जन्म कुंडली के इन भावों में सप्तमेश या शुक्र के होने के कारण ऐसे जातक का भाग्य विशेष रूप से 22 वर्ष के बाद उसका साथ देने लगता है। और धन संबंधी लाभ उसको 22 वर्ष के पश्चात् ही प्राप्त होने लगता है।

 
 
 

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