जन्म कुंडली में लग्नेश बलवान और भाग्येश भाग्य भाव में हो, अथवा दशम भाव और चतुर्थ भाव के
- Pawan Dubey
- Jan 29, 2023
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जन्म कुंडली में लग्नेश बलवान और भाग्येश भाग्य भाव में हो,अथवा दशम भाव और चतुर्थ भाव के स्वामी एक साथ जन्म कुंडली में द्वितीय,चतुर्थ,पंचम या नवम भाव में हो, अथवा सूर्य तृतीय भाव में गुरु पंचम भाव में और चंद्रमा नवम भाव में हो,अथवा सूर्य लाभ भाव में उच्च के हों,यह स्थिति केवल मिथुन लग्न में होगा,जब सूर्य लाभ भाव में उच्च के होंगे। और साथ ही साथ ऐसे सूर्य के साथ राहु युति में हो जाए,तो अत्यंत श्रेष्ठ, ऐसा जातक महाधनवान कुबेर के समान धनाध्यक्ष और ऐसे जातक का कोश दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जाता है। इसका कोश कभी खाली नहीं होता। यानी कह सकते हैं,कि महालक्ष्मी का इसे विशेष आशीर्वाद प्राप्त है।

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