top of page

जन्म कुंडली में लग्न में तथा सप्तम भाव में यदि पाप ग्रह है, तो

  • Pawan Dubey
  • Mar 22, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में लग्न में तथा सप्तम भाव में यदि पाप ग्रह है,तो यह है,कि जातक का दांपत्य जीवन कहीं ना कहीं खराब रहेगा ही रहेगा,अर्थात् जातक के दांपत्य जीवन में परेशानी तो रहेगी। लग्न और सप्तम मैं पाप ग्रह होने का मतलब है,कि जातक के माता-पिता भी आजीवन कष्ट से जूझते पाए जाएंगे। ऐसे जातक के माता-पिता या तो मानसिक रूप से परेशान रहे या कोई ना कोई परेशानी उनकी जीवन काल में आजीवन बनी रहेगी।

 
 
 

Recent Posts

See All
जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक

जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।...

 
 
 
जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित

जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित हों, जरूरी नहीं है, कि युति में...

 
 
 
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च

जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु...

 
 
 

Comments


bottom of page