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जन्म कुंडली में राहु की दशा सदैव चिड़चिड़ापन देने वाली होती है।

  • Pawan Dubey
  • Mar 27, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में राहु की दशा सदैव चिड़चिड़ापन देने वाली होती है। चोट चपेट की घटना, धोखा होना, शिक्षा का काल चल रहा है,तो शिक्षा का बाधित हो जाना। विशेषकर बाल्यकाल में राहु बेहद कष्ट देते हैं और अपनी दशा और अंतर्दशा में जातक की शिक्षा को बाधित कर ही देते हैं। परंतु यह ध्यान हमेशा रखिए। जन्म कुंडली में राहु जिस राशि में बैठे हो अगर उस राशि का राशि पति बलवान अवस्था में हो, केंद्र अथवा त्रिकोण में हो,और जातक वैश्य शुद्र वर्ण का हो, उसमें भी कहीं राहु यदि तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में हो। नवम भाव में हो,दशम भाव में हो,तो यह बहुत बढ़िया है। मानसिक अशांति तो जरूर देंगे। लेकिन जबरदस्त लाभ देंगे। मैं कह सकता हूं कि राहु की दशा जातक के जीवन काल में विशेष राज योग प्रदायक होती है।

 
 
 

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