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जन्म कुंडली में प्रत्येक भाव के कारक ग्रह होते हैं। जैसे लग्न और नवम के कारक सूर्य हैं।

  • Pawan Dubey
  • Sep 19, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में प्रत्येक भाव के कारक ग्रह होते हैं। जैसे लग्न और नवम के कारक सूर्य हैं। द्वितीय भाव के कारक देव गुरु बृहस्पति। तृतीय भाव के कारक मंगल। चौथे भाव के कारक चंद्रमा। पांचवे भाव के कारक गुरु। इत्यादि। कारक जो ग्रह है वह अपने कारक भाव पर, जिस भाव में वह कारक होते हैं। विशेषकर उस पर दृष्टि डाल दें। वैसे तो बैठने से भी उनका बहुत अच्छा प्रभाव होता है। लेकिन विशेष उस भाव पर तब जब दृष्टि डालते हैं। तो उस भाव से संबंधित जो भी प्रभाव है। वह जातक को अवश्य ही प्राप्त होता है। इस अवस्था में उस भाव का स्वामी यदि कमजोर भी हो , तब अभी जातक को उस भाव से संबंधित, फल मिलेगा।जैसे पंचम भाव के कारक देव गुरु बृहस्पति हैं। अगर पंचमेश कमजोर भी हो। परंतु देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि पंचम भाव पर हो, तो जातक को संतति सुख अवश्य प्राप्त हो जाता है।

 
 
 

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