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जन्म कुंडली में पंचम भाव का स्वामी षष्ठ भाव में और नवम

  • Pawan Dubey
  • Mar 22, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में पंचम भाव का स्वामी,षष्ठ भाव में और नवम भाव का स्वामी,द्वादश भाव में,अब देखा जाए यह दृष्टि संबंध अच्छा फल देने वाला योगकारक स्थिति मानी जाएगी। परंतु असल में ऐसा होगा नहीं। दोनों त्रिकोणों के स्वामी कुंडली में युत अथवा दृष्टि संबंध में हो,तो यह योगकारक स्थिति है। परंतु षष्ठ भाव और द्वादश भाव में यह युति या दृष्टि संबंध होने के कारण ज्योतिष शास्त्र इसे खराब योग मानता है। इस योग में जन्मे जातक को आजीवन धन की परेशानी बनी रहती है। धन को लेकर उसे जूझना पड़ता है।

 
 
 

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