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जन्म कुंडली में नवम और पंचम भाव के स्वामी युति में हो

  • Pawan Dubey
  • Jan 24, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में नवम और पंचम भाव के स्वामी युति में हो,और ऐसी युति पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ जाए अथवा नवम और पंचम भाव के स्वामी युति में हो,और साथ ही साथ उनका कोई एक मित्र ग्रह भी साथ में बैठा हुआ हो,यानी तीन ग्रह की युति। तो इसे ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत श्रेष्ठ सार्वभौम नामक राजयोग कहा गया है। इस योग में जन्मे जातक की समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।

 
 
 

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