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जन्म कुंडली में देव गुरु बृहस्पति दूसरे या पांचवें भाव में हों,

  • Pawan Dubey
  • Sep 8, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में देव गुरु बृहस्पति दूसरे या पांचवें भाव में हों, और ऐसे देव गुरु बृहस्पति पर शुक्र या बुध की दृष्टि हो, अथवा शुक्र और बुध भी देव गुरु बृहस्पति के साथ दूसरे या पांचवें भाव में हो, तो समझ लीजिए।ऐसा जातक बेहद अद्भुत। किसी ना किसी कला में से महारत हासिल अवश्य है। और ऐसे जातक को जीवन काल में सरकार की ओर से कोई विशेष सम्मान अवश्य ही प्राप्त होगा। क्योंकि इस योग को देखा जाए, इस योग में रुद्र योग भी बन रहा है। और लक्ष्मी नारायण योग भी बन रहा है। फलत: ऐसा जातक उत्तम कोटि का वक्ता और महा धनवान भी होता है।

 
 
 

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