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जन्म कुंडली में देव गुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव में हों, और केतु जनमानस

  • Pawan Dubey
  • Apr 16, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में देव गुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव में हों, और केतु जन मानस में नीच का हो, मृत हो अथवा जिस भाव में केतु बैठा है। उस भाव के अधिपति अर्थात् उस भाव के स्वामी नीच राशि में हों, मृत हों या किसी और तरीके से पीड़ित हो। तो ऐसे जातक को बेहद सावधान रहना चाहिए। ऐसा जातक राजा होकर के भी अपने जीवन काल में एक बार ऐसी स्थिति अवश्य देखता है। जहां वह अपना सब कुछ गवा देता है। या ऐसी स्थिति उसके जीवन काल में उत्पन्न होती ही है। जहां वह एक बहुत बड़ी हानी देखता है।

 
 
 

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