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जन्म कुंडली में तृतीय भाव बलवान हो,

  • Pawan Dubey
  • Mar 21, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में तृतीय भाव बलवान हो, अर्थात् पाप मध्यत्व में ना हो, अथवा तृतीय भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि ना हो। तृतीय भाव बुध और गुरु से युत अथवा दृष्ट हो अर्थात् बुध या गुरु में से कोई तृतीय भाव को देखेंते हो । बुध या गुरु में से कोई ग्रह तृतीय भाव में हो। अथवा बुध और गुरु से तृतीय भाव केंद्र में आ जाता हो। बुध और गुरु तृतीय भाव से केंद्र में हो। तो समझ लीजिए ऐसा जातक मीठा बोल कर अपना काम निकालने में महारथी होगा। अपना हर कार्य वह हर किसी से मीठा मीठा बोल कर अपना काम निकलवा लेगा। उसका कोई काम रुकने वाला नहीं।

 
 
 

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