जन्म कुंडली में जिस भाव से दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नवें भाव शुभ ग्रह स्थित हों।
- Pawan Dubey
- Sep 8, 2023
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जन्म कुंडली में जिस भाव से दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नवें भाव शुभ ग्रह स्थित हों। और षष्ठ भाव में पाप ग्रह स्थित हो। तो समझ लीजिए, उस भाव के प्रभाव में विशेष वृद्धि हो जाएगी। अब सवाल उठता है, कि दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नवें इतने भाव में शुभ ग्रह तो हो नहीं सकते। ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ करते हैं। कोई जरूरी नहीं कि सभी भाव में शुभ ग्रह हों, परंतु जिस भाव कि हम चर्चा कर रहे हैं। उस भाव से कम से कम दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें,नवें हों, तो केवल शुभ ग्रह हो। पाप ग्रह बिल्कुल ना हो और उस भाव से 6 घर आगे गिनने पर अगर पाप ग्रह दिखाई पड़ रहा है। तो सीधी सी बात है। वह भाव बेहद बलि हो जाएगा। और उस भाव का प्रभाव जातक तो अपने जीवन काल में अत्यंत श्रेष्ठ प्राप्त होगा।

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