top of page

जन्म कुंडली में गुरु और बुध की युति या

  • Pawan Dubey
  • Jan 23, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में गुरु और बुध की युति या दृष्टि संबंध को ज्योतिष शास्त्र ने रुद्र योग का नाम दिया है,इस योग में जन्मा जातक लक्ष्मीवान,यशवान बेहद धनाढ्य और सबसे बड़ी बात है,बेहद बुद्धिमान होता है। किसी भी कुंडली में ऐसा योग बना है,तो जातक श्रेष्ठ और नि:संदेह सफल होगा।क्योंकि बुध को बुद्धि का कारक,और देव गुरु बृहस्पति को परिमार्जित ज्ञान कहा गया है।

 
 
 

Recent Posts

See All
जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक

जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।...

 
 
 
जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित

जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित हों, जरूरी नहीं है, कि युति में...

 
 
 
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च

जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु...

 
 
 

Comments


bottom of page