जन्म कुंडली में कर्म भाव का स्वामी अर्थात् दशम भाव का स्वामी लग्न से द्वितीय अथवा एकादश भाव
- Pawan Dubey
- Jan 25, 2023
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जन्म कुंडली में कर्म भाव का स्वामी,अर्थात् दशम भाव का स्वामी,लग्न से द्वितीय,अथवा एकादश भाव में बैठा हो,तो ऐसे जातक को अपने जीवन काल में व्यापार अवश्य करना चाहिए। ऐसा जातक नौकरी से ज्यादा व्यापार में अधिक सफल होता हैं। वही इस बात को भी अवश्य देख लीजिए।कि दशम भाव का स्वामी अर्थात् कर्म भाव का स्वामी नवमांश में जिस राशि में बैठा हो,तो राशि के स्वामी पति के अनुसार द्रव्यों का,चीजों का व्यापार ज्यादा श्रेष्ठ होता है।जैसे दशम भाव का स्वामी,यदि शनि की राशि मकर अथवा कुंभ में बैठा हो,तो ऐसे जातक शनि से संबंधित व्यापार करें,तो नि:संदेह उन्हें लाभ होगा।

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