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जन्म कुंडली धनु लग्न की हो, और लग्न में ही देव गुरु बृहस्पति हों,

  • Pawan Dubey
  • Apr 16, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली धनु लग्न की हो, और लग्न में ही देव गुरु बृहस्पति हों, सप्तम भाव में शुक्र और दशम भाव में चंद्रमा, और साथ ही नवमांश मेष का हो,अर्थात् नवमांश कुंडली देखने से वह मेष से शुरू हो रहा हो, लग्न में ही देव गुरु बृहस्पति हुए,तो यह हंस महापुरुष योग हुआ। शुक्र जो सप्तम में अत्यंत बलि होंगे और उन पर देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि और साथ ही साथ चंद्रमा दशम में तो गुरु-चंद्रमा का गजकेसरी योग, और शुक्र से भी चंद्रमा का गजकेसरी योग,और नवमांश मेष का अर्थात् ऐसा जातक पुरुषार्थी भी होगा। ज्योतिष शास्त्र की मर्मज्ञ कहते हैं,कि ऐसा जातक का जीवन सुखी, पूर्ण आयु और मृत्यु के उपरांत भी, यश, ख्याति उसकी बनी रहती है।

 
 
 

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