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जन्म कुंडली के अष्टम भाव के स्वामी का बलि होना।

  • Pawan Dubey
  • Mar 22, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली के अष्टम भाव के स्वामी का बलि होना। अष्टम भाव की शुभ ग्रह की दृष्टि से जातक की जो आंतरिक चेतना है। वह बेहद मजबूत हो जाती है। ऐसे जातक को पूर्वाभास होने लगता है। विशेषकर अष्टमेश यदि जन्म कुंडली के पंचम भाव में जाकर बैठे हो, तो समझ लीजिए ऐसा जातक किसी भी घटना के जो उससे जुड़ी हुई है। घटित होने से पूर्व ही किसी ना किसी तरह से वह जान लेगा, उसको जानकारी मिल जाएगी, चाहे वह अंग स्फुरण के रूप में हो या स्वप्न इत्यादि के माध्यम से उसको पूर्वाभास हो जाएगा। अर्थात् जन्म कुंडली के अष्टम भाव का बलि होना भी कहीं ना कहीं विशेष लाभप्रद है।

 
 
 

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