top of page

जन्म कुंडली अध्ययन करते समय यदि कुंडली में

  • Pawan Dubey
  • Mar 27, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली अध्ययन करते समय यदि कुंडली में चार या पांच ग्रह कारक भाव या अति विशिष्ट कारक भाव में आपको मिल जाय,और वह जातक राक्षस गण का भी हो, तो यह जान लीजिए, कि जिस जातक की जन्म कुंडली का आप अध्ययन कर रहे हैं।यह जातक कुछ बड़ा करने वाला है। यह केवल इस पीढ़ी का नहीं, वरन आने वाली पीढ़ियों का भी भाग्य ले लिया है। और अब आने वाली दो-तीन पीढ़ियों तक उसके जैसा दूसरा कोई उस कुल खानदान में पैदा नहीं लेगा।

 
 
 

Recent Posts

See All
जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक

जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।...

 
 
 
जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित

जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित हों, जरूरी नहीं है, कि युति में...

 
 
 
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च

जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु...

 
 
 

Comments


bottom of page