कुंडली में सप्तमेश का नवम या दशम स्थित होना या सप्तमेश का नवम
- Pawan Dubey
- Apr 16, 2023
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कुंडली में सप्तमेश का नवम या दशम स्थित होना या सप्तमेश का नवम या दशम भाव को देखना भी विवाह के उपरांत विशेष सफलता और भाग्योदय देता है। देखने से ज्यादा बैठना भाग्योदय कराता है। जब सप्तम भाव का स्वामी जन्म कुंडली के नवम में हो,तो विवाह उपरांत भाग्योदय की सूचना है।या विवाह के उपरांत जातक का भाग्य विशेष उसका साथ देने लगता है। दशम भाव से सप्तमेश का जब संबंध बनता है तो विवाह के बाद जातक के कार्य क्षेत्र में विशेष वृद्धि होती है। व्यापार इत्यादि करें,तो उसमें उसको सफलता मिलती है। और यदि सप्तमेश लाभ भाव में हो,तो ऐसे जातक के जीवन काल में विवाह के उपरांत ही विशेष धनदायक स्थिति उसके जीवन काल में बनती है।

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