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कारागार योग, जन्म कुंडली में लग्न का स्वामी बारहवें भाव में राहु से युत

  • Pawan Dubey
  • May 2, 2023
  • 1 min read

कारागार योग, जन्म कुंडली में लग्न का स्वामी बारहवें भाव में राहु से युत या दृष्ट हो, अथवा लग्न का स्वामी, षष्ठ भाव के स्वामी के साथ, युति बनाकर जन्मकुंडली के केंद्र में अर्थात् कुण्डली के 1,4,7,10 भाव होते हैं। शनि या राहु से युत या दृष्ट हो, तो ऐसे जातक को उसके जीवन काल में कोर्ट-कचहरी, का चक्कर अवश्य लगता है। यह योग जेल भी भेजता है। यदि आपकी जन्मकुंडली में ऐसी स्थिति उत्पन्न है। तो मां भगवती बगलामुखी की आराधना करिए। उनके मंत्र का जप करिए। "ॐ ह्लीं"

इस बीज मंत्र के जप से भी इस दुर्योग से मुक्ति मिल जाती है।

 
 
 

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