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जन्म कुंडली में पंचम अर्थात् त्रिकोण और नवम अर्थात् त्रि-त्रिकोण यह दोनों

  • Pawan Dubey
  • Sep 25, 2023
  • 1 min read

जन्म कुंडली में पंचम अर्थात् त्रिकोण और नवम अर्थात् त्रि-त्रिकोण यह दोनों अत्यंत श्रेष्ठ भाव हैं। इनके स्वामी की युति को अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है। विशेष करके यह युति कुंडली में लग्न अथवा दशम भाव में बनी हो, और साथ ही साथ पंचमेश और नवमेश चाहे वह लग्न में हो या दशम भाव में अंश बल से बली हो और किसी पाप ग्रह से दृष्ट ना हो, तो कहना ही नहीं,कि पहले तो ऐसे जातक का जब जन्म होगा, नि:संदेह किसी ऐसे घर में जन्म होगा। जहां हर तरह की सुख से वह घर परिपूर्ण हो। पर फिर भी किसी पूर्व जन्म के कर्म के कारण यदि गरीब परिवार में भी ऐसा जातक जन्म लेता है। तो यह कहना गलत नहीं होगा,कि ऐसा जातक अद्भुत और अद्वितीय होगा। धन की समस्या उसे कभी नहीं होगी।

 
 
 

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