top of page

क्या नवार्ण मंत्र का जप दीक्षा ली हो तभी कर सकते हैं?

  • Pawan Dubey
  • Sep 9, 2023
  • 1 min read

क्या नवार्ण मंत्र का जप दीक्षा ली हो तभी कर सकते हैं? देखिए बिना दीक्षा लिए वैसे तो किसी भी तरह के मंत्र का नहीं करना चाहिए। जब हम किसी गुरु से गुरमुख हो करके तब मंत्र पाते हैं और उस मंत्र को जपते हैं, तो वह मंत्र शीघ्र ही फल प्रदायक बन जाता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम कोई भी मंत्र जप ही नहीं सकते। नवार्ण मंत्र अपने आप में ही सिद्ध मंत्र है। कुछ ऐसे विशेष मंत्र होते हैं। जिनके लिए विशेष रूप से गुरमुख होना अत्यंत आवश्यक है। परंतु नवार्ण मंत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है। हां नवार्ण मंत्र अपने आप में तंत्र शास्त्र का सबसे बड़ा तंत्र है।और आप किसी और के नुकसान के लिए नहीं केवल अपने हित के लिए, अपनी भलाई के लिए,अपने लाभ के लिए अपने जीवन में उत्थान के लिए इस मंत्र का जप करना चाहते हैं तो बस मां को ही अपना गुरु मान करके आप इस मंत्र का जप कर सकते हैं।

 
 
 

Recent Posts

See All
जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक

जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।...

 
 
 
जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित

जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित हों, जरूरी नहीं है, कि युति में...

 
 
 
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च

जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु...

 
 
 

Comments


bottom of page